कोलकाता, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . West Bengal में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर फैली कथित भय और अनिश्चितता की स्थिति काे लेकर Chief Minister ममता बनर्जी ने गंभीर चिंता जताई. गुरुवार को साेशल मीडिया एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट कर उन्हाेंने कहा कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति और केंद्र सरकार के इशारे पर फैलाई जा रही दहशत ने राज्य में एक के बाद एक त्रासद घटनाओं को जन्म दिया है.
Chief Minister ने लिखा कि चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा के केवल 72 घंटे के भीतर तीन अलग-अलग घटनाएं सामने आईं, जिनमें सामान्य नागरिक भय और भ्रम के कारण जान गंवा बैठे या असुरक्षा में जीने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि 27 अक्टूबर को खरदह के पानीहाटी में प्रदीप कर (57) ने आत्महत्या की. उनके लिखे नोट में था मेरी मौत के लिए राष्ट्रीय नागरिक पंजी जिम्मेदार है. अगले दिन 28 अक्टूबर को कूचBihar के दिनहाटा में 63 वर्षीय व्यक्ति ने इसी भय से आत्महत्या का प्रयास किया. आज पश्चिम मेदिनीपुर के 95 वर्षीय क्षितीश मजूमदार अपनी बेटी के साथ बीरभूम के इलामबाजार में केवल इस डर से रह रहे हैं कि कहीं सरकार उनकी जमीन न छीन ले.
बनर्जी ने इन घटनाओं को “राजनीतिक रूप से प्रेरित त्रासदी” बताते हुए सवाल किया कि इन मौतों की जवाबदेही कौन लेगा. उन्होंने कहा कि क्या गृह मंत्री जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे? क्या भाजपा और उसके सहयोगी, जिनकी निगरानी में यह डर फैलाया गया, बोलने का साहस दिखाएंगे?
Chief Minister ने भावुक अपील करते हुए कहा कि यह सिर्फ त्रासदी नहीं है, यह इंसानियत के साथ विश्वासघात है. एक 95 वर्ष का बुजुर्ग, जिसने पूरी जिंदगी इस मिट्टी के लिए दी, अगर उसे अपनी नागरिकता साबित करने की मजबूरी में मरना पड़े, तो इससे बड़ा कलंक देश की अंतरात्मा पर और क्या हो सकता है.
उन्होंने कहा कि पीढ़ियों से बंगाल की जनता गरिमा और सम्मान के साथ जीती आई है, पर आज उन्हें यह पूछने पर मजबूर किया जा रहा है कि क्या वे अपनी ही जन्मभूमि के नागरिक हैं. बनर्जी ने कहा, यह क्रूरता अस्वीकार्य है और इसे खड़ा नहीं होने दिया जाएगा.
Chief Minister ने राज्यवासियों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि किसी के उकसावे में न आएं, कोई भी चरम कदम न उठाएं. हमारी ‘मां-माटी-मानुष’ सरकार आपके साथ है. बंगाल में नागरिक पंजी (एनआरसी) किसी भी रूप में लागू नहीं होगा – न सामने से, न बैकडोर से.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी. बनर्जी ने दोहराया कि हम एक भी वैध नागरिक को बाहरी करार दिए जाने की अनुमति नहीं देंगे. लोगों के अधिकारों और देश की सामाजिक एकता को तोड़ने के भाजपा के नापाक एजेंडे के खिलाफ हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे.———————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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