जम्मू, 24 जून (Udaipur Kiran) । मिशन स्टेटहुड जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने मंगलवार को अम्फाला-जानीपुर हाई कोर्ट रोड पर जोरदार विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। यह रैली नायब तहसीलदार पदों में उर्दू भाषा की अनिवार्यता, शिक्षित युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी और दैनिक वेतनभोगियों की नियमितीकरण की मांगों को लेकर आयोजित की गई थी। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए डिंपल ने सवाल उठाया कि जब आज हर काम ऑनलाइन हो रहा है तो फिर राजस्व विभाग नायब तहसीलदार, तहसीलदार और पटवारी जैसे पदों के लिए उर्दू भाषा की अनिवार्यता क्यों थोप रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चयन प्रक्रिया में हिंदी, अंग्रेज़ी, डोगरी और कश्मीरी भाषाओं को शामिल नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
डिंपल ने नायब तहसीलदार पदों में आयु सीमा में छूट की भी मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से पूछा कि पीएचई, पीडब्ल्यूडी, पीडीडी के दैनिक वेतनभोगियों की नियमितीकरण हेतु गठित छह सदस्यीय समिति की प्रगति क्या है? डिंपल ने सभी खाली पदों को जेकेएसएसबी और पीएससी के माध्यम से शीघ्र भरने, न्यूनतम वेतन अधिनियम को लागू करने और सभी दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 2014 से 2025 तक 11 वर्षों में नियमितीकरण में विफल रही है।
डिंपल ने लद्दाख यूटी के दैनिक वेतनभोगियों के वेतन को 29 हजार से 45 हजार रुपये प्रतिमाह तक बढ़ाने के फैसले का हवाला देते हुए केंद्र पर जम्मू-कश्मीर के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से अपने वादों को निभाने और जम्मू-कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल करने की भी मांग की। अंत में डिंपल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर देश में 42 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ पहले स्थान पर है और बेरोजगारी के कारण युवा नशे और आत्महत्या की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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