जयपुर, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । ्रदेश में भूजल स्तर बढ़ाने की दिशा में लगातार जलग्रहण विकास एवं भू- संरक्षण विभाग काम कर रहा है। इसी के तहत बस्सी तहसील से गुजर रही ढूूंढ़ नदी में चार सरफेस बैरियर बनाए जा रहे है। इस पर करीब 80 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
हाल ही में दौसा जिले के लालसोट पहाडिय़ों से आने वाले पानी के तेज बहाव को रोकने के लिए सरफेस बैरियर बनाया गया है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल संरक्षण की दिशा में जयपुर और उसके आस-पास काम किया जा रहा है। बस्सी तहसील में इस योजना के तहत 7.42 करोड़ का रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना में फालियावास गांव में कैक्टस प्लांट, 20 फार्म पौंड और ढूंढ नदीं पर तीन एनीकट बनाए गए है। ढूंढ नदी में बूरथल, सिंदौली और फालियावास में एनिकट बनाए जा रहे है। इसके अलावा 40 एमपीटी(माइनर प्रक्यूलेशन टैंक), अर्दन चैक डेम और संकन पौंड बनाए जाएंगे। ढूंढ नदी में यहां पर बनेंगे सरफेस बेरियर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ढूंढ नदी में चार जगह सरफेस बेरियर बनाए जा रहे है। इनमें से बूरथल और कानड़वास में सरफेस बेरियर बन गए है तो सिंदौली और उसके पास सरफेस बनाए जा रहे है। ढूंढ नदी के अलावा जयपुर जिले में दूदू, पावटा और फागी में भी पिछले दिनों सरफेस बेरियर बनाए गए है।
ऐसे काम करता है सरफेस बेरियर
सरफेस बेरियर ग्राउंड वाटर रिचार्ज के रुप में काम करेगा। वाटर रिचार्ज के लिए जमीन के नीचे बना एनीकट भी माना जा सकता है। ढूंढ नदी में साढ़े 6 मीटर खुदाई करने के बाद एलडीपीई सीट लगाकर उसमें काली मिट्टी भरकर बंद कर दिया जाता है। इससे नदी के नीचे बहकर जाने वाला पानी साइड में बहने लगा लगता है। इससे वाटर रिचार्ज की मात्रा में बढ़ोतरी होती है। वर्तमान में ढूंढ नदी का एक हिस्से में ही पानी बह रहा है और बाकी हिस्सा सूखा रहता है। इससे जमीन में एक सीमित दायरे में ही पानी रिसता है। सरफेस बेरियर के माध्यम से नदी में बहने वाले पानी को पूरी चौड़ाई में बहने के लिए व्यवस्था बनाई जाती है।
सुनील कुमार सिंह, एक्सईएन जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण , पंत कृषि भवन का कहना है कि भूजल स्तर बढ़ाने की दिशा में अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए ढूंढ नदी में सरफेस बेरियर बनाया जा रहा है। इसके अलावा फालियावास गांव में कैक्टस प्लांट, 20 फार्म पौंड और ढूंढ नदीं पर तीन एनीकट बनाए गए है। इसके अलावा 40 एमपीटी(माइनर प्रक्यूलेशन टैंक), अर्दन चैक डेम और संकन पौंड बनाए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
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