जोधपुर, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . Rajasthan हाईकोर्ट में आज जस्टिस संदीप शाह की कोर्ट में वर्ष 1998 के काला हिरण शिकार मामले की सुनवाई हुई. इसमें राज्य सरकार की ओर से दायर लीव टू अपील और सलमान खान की ओर से सजा के फैसले को चुनौती देने की याचिका शामिल है. इन दोनों पर एक साथ विचार हुआ. हालांकि, मामले में सरकारी वकील ने समय मांगा. इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं.
यह मामला अक्टूबर 1998 में जोधपुर के कांकाणी गांव में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान काले हिरण के शिकार का है. इस केस में जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने 5 अप्रैल 2018 को सलमान खान को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया था. जबकि, सह-आरोपी सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और दुष्यंत सिंह को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था. Rajasthan सरकार ने सह-आरोपियों की बरी के खिलाफ लीव टू अपील दायर की है. सरकार का कहना है कि सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम और दुष्यंत सिंह को बरी करना न्यायसंगत नहीं था. विश्नोई समुदाय, जो वन्यजीव संरक्षण में दृढ़ विश्वास रखता है, ने मूल शिकायत दर्ज करवाई थी. आज की सुनवाई में दोनों पक्षों की अपीलों पर एक साथ सुनवाई हुई.
सलमान की याचिका भी सुनवाई में शामिल
इस साल 14 फरवरी 2025 को पहली सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने मामले की जटिलताओं को देखते हुए अगली सुनवाई 15 अप्रैल की तारीख तय की थी. फिर 16 मई 2025 को दूसरी सुनवाई में कोर्ट ने मामले को 28 जुलाई की तारीख पर सलमान खान की अपील के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था. तीसरी सुनवाई 28 जुलाई को हुई. जिसमें सलमान खान द्वारा अपनी सजा के खिलाफ जिला सत्र न्यायाधीश जोधपुर के समक्ष दायर की गई अपील को भी हाईकोर्ट में रजिस्ट्रेशन कर 22 सितंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया था.
(Udaipur Kiran) / सतीश
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