– मनरेगा से 30 हजार से अधिक महिलाओं की निजी भूमि पर लगेंगे 30 लाख फलदार पौधे, 1000 करोड़ रुपये की राशि की जाएगी खर्च
भोपाल, 30 जून (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वसहायता समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पूरे देश में ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर प्रदेश में भी नई परियोजना शुरू की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के माध्यम से “एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना चलाई जाएगी। परियोजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से प्रदेश की 30 हजार से अधिक स्व सहायता समूह की पात्र महिलाओं की निजी भूमि पर 30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाएं जाएंगे जो महिलाओं की आर्थिक तरक्की का आधार बनेंगे।
30 हजार एकड़ निजी भूमि पर किया जाएगा पौधारोपण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की स्व-सहायता समूह की 30 हजार से अधिक महिलाओं की 30 हजार एकड़ निजी भूमि पर ‘’एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण किया जाएगा। लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से आजीविका संर्वद्धन के लिए 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण कर फलोद्यान का विकास किया जाएगा। परियोजना के तहत हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए कटीले तार की फेंसिंग और सिंचाई के लिए 50 हजार लीटर का जल कुंड बनाने के लिए राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही उद्यान के विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
15 अगस्त से शुरू होगा अभियान
“एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत फलदार पौधारोपण का कार्य प्रदेश में 15 अगस्त से अभियान के रूप में शुरू होगा जो 15 सितंबर तक चलेगा।
फलदार पौधरोपण की इच्छुक महिलाओं का होगा चयन
“एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना के अंतर्गत आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की ऐसी महिला सदस्य, जो फलदार पौधारोपण करने हेतु इच्छुक हों, का चयन किया जाएगा। चयनित महिला हितग्राही के नाम पर भूमि नहीं होने की दशा में उस महिला के पति-पिता-ससुर-पुत्र की भूमि पर उनकी सहमति के आधार पर पौधरोपण किया जाएगा।
अत्याधुनिक तकनीक से किया जाएगा स्थल चयन
“एक बगिया माँ के नाम’’ परियोजना अंतर्गत पौधरोपण के लिए स्थल का चयन अत्याधुनिक तकनीक (सिपरी सॉफ्टवेयर) के माध्यम से किया जाएगा। स्थल चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से चयनित हितग्राही की भूमि का परीक्षण किया जाएगा। साथ ही तकनीक के माध्यम से जलवायु, कौन सा फलदार पौधा जमीन के लिए उपयुक्त है, पौधा किस समय और कब लगाया जाएगा इसका भी सिपरी सॉफ्टवेयर के माध्यम से पता लगाया जाएगा। उपयोगी जमीन नहीं पाए जाने पर पौधरोपण का कार्य नहीं होगा।
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(Udaipur Kiran) तोमर
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