नई दिल्ली, 12 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के तहत चार और सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। इससे अबतक 6 राज्यों में कुल 10 यूनिट बनने जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में 4,600 करोड़ के निवेश से चार सेमीकंडक्टर उत्पादन यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में पत्रकार वार्ता में बताया कि दूरसंचार, ऑटोमोटिव, डेटा सेंटर, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग को देखते हुए ये चार नई स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। इससे 2034 स्किल प्रोफेशनल को रोजगार मिलेगा। साथ ही यह भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग अर्थतंत्र को बनाने में मददगार होगा जिससे आगे कई अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की संभावना है। ये परियोजनाएं देश में विकसित हो रही विश्व स्तरीय चिप डिज़ाइन क्षमताओं को और मज़बूत करेंगी जिन्हें सरकार की ओर से 278 शैक्षणिक संस्थानों और 72 स्टार्ट-अप्स को प्रदान की जा रही डिज़ाइन अवसंरचना सहायता से बल मिल रहा है।
आज इन चार और प्रस्तावों की स्वीकृति के साथ, भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के अंतर्गत 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या 10 हो गई है। सिकसेम(एसआईसीएसईएम) और 3डी ग्लास ओडिशा में, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीडीआईएल) पंजाब में और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (एएसआईपी) टेक्नोलॉजीज आंध्र प्रदेश में यूनिट बनाएगी।
इन चार स्वीकृत प्रस्तावों के माध्यम से लगभग 4,600 करोड़ रुपये के कुल निवेश से सेमीकंडक्टर विनिर्माण कंपनियां स्थापित होंगी और इसी प्रकार से 2034 कुशल पेशेवरों के लिए रोज़गार का सृजन होने की आशा है। इससे इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए अनुकूल परिवेश को गति मिलेगी और इसके परिणामस्वरूप अप्रत्यक्ष रूप से भी बहुत-सी नौकरियों का सृजन होगा।
सिकसेम प्राइवेट लिमिटेड ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में ब्रिटेन की क्लास-सिक वेफर फैब लिमिटेड के साथ मिलकर सिलिकॉन कार्बाइड (एसआईसी) आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर्स का एकीकृत संयंत्र स्थापित कर रहा है। यह देश की पहली व्यावसायिक कंपाउंड फैब्रिकेशन इकाई होगी। इस परियोजना में सिलिकॉन कार्बाइड उपकरणों का निर्माण प्रस्तावित है। इस कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब इकाई की वार्षिक क्षमता 60 हजार वेफर्स और पैकेजिंग क्षमता 9 करोड़ 60 लाख इकाइयों की होगी। प्रस्तावित उत्पादों का उपयोग मिसाइलों, रक्षा उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), रेलवे, फास्ट चार्जर्स, डेटा सेंटर रैक, उपभोक्ता उपकरणों और सौर ऊर्जा इन्वर्टर में किया जाएगा।
वहीं 3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक. (3डीजीएस) ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में वर्टिकल इंटीग्रेटेड एडवांस पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सबस्ट्रेट यूनिट स्थापित करेगी। भारत में यह इकाई दुनिया की सबसे उन्नत पैकेजिंग तकनीक लाएगी। इससे उन्नत पैकेजिंग सेमीकंडक्टर उद्योग में अगली पीढ़ी की सामर्थ्य हासिल होगी। इस सुविधा में पैसिव और सिलिकॉन ब्रिज वाले ग्लास इंटरपोज़र और 3डी हेटेरोजेनस इंटीग्रेशन (3डीएचआई) मॉड्यूल सहित कई उन्नत तकनीकें उपलब्ध होंगी। योजना के अनुसार इस इकाई की क्षमता लगभग 69,600 ग्लास पैनल सबस्ट्रेट, 5 करोड़ असेंबल्ड इकाइयों और 13,200 3डीएचआई मॉड्यूल प्रति वर्ष होगी। प्रस्तावित उत्पादों के महत्वपूर्ण अनुप्रयोग रक्षा, उच्च-प्रदर्शन वाले कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, आरएफ और ऑटोमोटिव, फोटोनिक्स और को-पैकेज्ड ऑप्टिक्स इत्यादि क्षेत्रों में होंगे।
एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज (एएसआईपी) दक्षिण कोरिया की एपीएसीटी कंपनी लिमिटेड के साथ तकनीकी साझेदारी के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में एक सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करेगी जिसकी वार्षिक क्षमता 9 करोड़ 60 लाख इकाइयों की होगी। इसमें निर्मित उत्पादों का उपयोग मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल संबंधी अनुप्रयोगों और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाएगा।
कॉन्टिनेंटल डिवाइस (सीडीआईएल) पंजाब के मोहाली में अपनी भिन्न प्रकार की सेमीकंडक्टर निर्माण व्यवस्था का विस्तार करेगी। प्रस्तावित कंपनी में सिलिकॉन और सिलिकॉन कार्बाइड दोनों में उच्च-शक्ति वाले भिन्न प्रकार के सेमीकंडक्टर उपकरणों का निर्माण किया जाएगा जैसे, एमओएसएफईटी, आईजीबीटी, शॉटकी बाईपास डायोड और ट्रांजिस्टर। पहले से चल रही इस कंपनी की वार्षिक क्षमता विस्तार के बाद 158.38 मिलियन इकाइयों की होगी। इन प्रस्तावित इकाइयों से निर्मित उपकरणों का उपयोग ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाएगा जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन और उनके चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियां, विद्युत रूपांतरण अनुप्रयोग, औद्योगिक अनुप्रयोग और संचार संबंधी अवसंरचना शामिल हैं।
इन परियोजनाओं की स्वीकृति से देश में सेमीकंडक्टर के अनुकूल परिवेश के निर्माण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा मिलेगा क्योंकि इन परियोजनाओं में देश की पहली वाणिज्यिक कंपाउंड फ़ैब्रिकेशन इकाई और अत्यधिक उन्नत ग्लास-आधारित सबस्ट्रेट सेमीकंडक्टर पैकेजिंग इकाई शामिल है।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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