कोहिमा, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । बीते छह दिनों से नगालैंड में हो रही मूसलधार बारिश ने राज्य के कई जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा कर दी है। इस प्राकृतिक आपदा से घरों, सड़कों, पुलों, खेतों और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य के उपमुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर हालात का जायज़ा लिया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) के अनुसार, कोहिमा में सिविल सचिवालय के पास एक रिटेनिंग वॉल ढहने से वाहनों को नुकसान पहुंचा है और सरकारी कार्यालयों तक पहुंच बाधित हो गई है। किसामा हेरिटेज विलेज और कीगवेम-मिमा-चाखाबामा मार्ग पर बड़े भूस्खलन की खबर है। कोहिमा और मणिपुर को जोड़ने वाला एनएच-2 भी 50 मीटर हिस्से में धंस गया है, जिससे यातायात ठप हो गया है।
डिमापुर जिले के एसएम कॉलोनी, रागाइलोंग, नामगालोंग, सुपर मार्केट, पुराना बाजार समेत कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिला प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित कर होमगार्ड, सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की हैं।
चुमौकेदिमा जिले में भी हालात गंभीर हैं। यहां तेनिफे, चेकिये, विराजोमा, सिंगरीजान, सुभिमा समेत सीआरपीएफ की 173वीं बटालियन का कैंप जलमग्न हो गया है। न्यूलैंड जिले के कुहुबोटो, लोटोवी, सुहोई, हौविशे समेत कई गांवों में लोग बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।
भूस्खलन की वजह से मोकोकचुंग, मोन और तुएनसांग जिलों में सड़क संपर्क टूट गया है। मोन जिले में लोंगलेन से संपर्क पूरी तरह बाधित है, जबकि तुएनसांग के चारे टाउन में एनएच-202 बंद हो गया है। कई स्थानों पर बेली ब्रिज भी बह गए हैं।
एनएसडीएमए के मुताबिक, हालात की गंभीरता को देखते हुए आपदा राहत टीमें लगातार बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। राज्य सरकार हालात पर करीबी नजर रखे हुए है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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