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हिसार : योग भारत की विश्व को अद्भूत देन : प्रो. नरसीराम बिश्नोई

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गुजविप्रौवि में अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उलक्ष्य पर हुआ कार्यकमहिसार, 21 जून (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई ने कहा है कि वर्तमान समय में जब सम्पूर्ण विश्व पर्यावरणीय संकटों और जीवनशैली जनित रोगों से जूझ रहा है, ऐसे में योग एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करता है। ‘योगा फॉर वन अर्थ-वन हेल्थ’ का संदेश योग के माध्यम् से संपूर्ण मानवता तक पहुंचना चाहिए। योग भारत की विश्व को अद्भूत देन है। विश्व इसके लिए भारत का हमेशा कृतज्ञ रहेगा।कुलपति प्रो. नरसीराम बिश्नोई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय में आयोजित योग समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के योग विज्ञान विभाग के सौजन्य से आयोजित इस आयोजन में कुलसचिव डा. विजय कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यवक्ता गीता अकादमी हिसार के आचार्य सचिन दीक्षित थे। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. शबनम जोशी ने की।कुलपति ने कहा कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण पृथ्वी के स्वास्थ्य एवं मानव कल्याण के लिए योग के महत्व को प्रचारित करना है। 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। यह गर्मी का संक्रांति दिवस है। इस दिन सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायण की ओर बढ़ता है, और योग के दृष्टिकोण से इसे एक विशेष आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है। यह ऊर्जा का संतुलन और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने भी अपने सम्बोधन में कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में योग को केवल शारीरिक अभ्यास तक सीमित नहीं माना गया है, बल्कि इसे एक व्यापक जीवन दर्शन बताया गया है। गीता के अनुसार ‘योगः कर्मसु कौशलम्’ योग का अर्थ है अपने कर्मों में कुशलता। इसका आशय यह है कि मन, वाणी और शरीर को संतुलित रखते हुए निष्काम भाव से कर्तव्य का पालन करना ही सच्चा योग है।मुख्य वक्ता आचार्य सचिन दीक्षित ने योग के वैश्विक महत्व और इसकी वैज्ञानिक उपयोगिता पर गहन विवेचना की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य से पहले ओम् का उच्चारण किया जाता है, जिससे मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और एकाग्रता का संचार होता है। योग का उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलन कर जीवन में पूर्णता पाना है। डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिकल साइंसेज, प्रो. सुमित्रा सिंह ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय में योग को जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। विभाग की अध्यक्ष प्रो. शबनम जोशी ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से हम योग को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। सामान्य योगाभ्यास प्रोटोकॉल का अभ्यास डॉ. नवीन कौशिक के कुशल निर्देशन में कराया गया। इस सत्र में मानव कुमार एवं प्रकाश ने सह-संचालन किया। मंच संचालन सहायक प्रोफेसर निहारिका सिंह ने किया। इस अवसर पर ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के मेंबर प्रोफेसर जसप्रीत कौर व डॉ. कालिंदी आदि सहित अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष व विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / राजेश्वर

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