जम्मू, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव मुश्ताक इंकलाबी ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के आदि-कर्मयोगी अभियान के तहत राष्ट्रपति भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ एक संवाद में जम्मू-कश्मीर के आदिवासी समुदायों का प्रतिनिधित्व किया।
इंकलाबी ने अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनजातीय आबादी को दिए गए विभिन्न संवैधानिक अधिकारों और हकों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और जम्मू-कश्मीर के माननीय उपराज्यपाल के सक्रिय प्रशासन के तहत केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में आदिवासी समुदायों के उत्थान, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आजीविका सहायता के उद्देश्य से कई कल्याणकारी योजनाएँ शुरू की हैं।
इंकलाबी ने खानाबदोश गुज्जर और बकरवाल समुदायों जो समाज के सबसे हाशिए पर पड़े वर्गों में से हैं की वास्तविक मांगों और ज्वलंत मुद्दों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने इन समुदायों की ओर से माननीय राष्ट्रपति को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा, जिसमें कल्याणकारी पहलों के सुदृढ़ कार्यान्वयन, वन अधिकारों की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच और उनकी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के उपायों की माँग की गई।
राष्ट्रपति ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करते हुए उठाई गई चिंताओं की सराहना की और आदिवासी समुदायों को न केवल लाभार्थी के रूप में बल्कि राष्ट्र की विकास यात्रा के सह-निर्माता के रूप में भी सशक्त बनाने के महत्व को दोहराया।
(Udaipur Kiran) / SONIA LALOTRA
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