कोलकाता, 17 मई .
पश्चिम बंगाल में सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (डीए) के तत्काल भुगतान का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. यह लड़ाई सरकारी कर्मचारियों ने राज्य के ट्रिब्यूनल से लेकर जिला और फिर हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी है. राज्य सरकार ने ट्रिब्यूनल के ही आदेश को मानने से इनकार कर दिया और उसके बाद सरकार की ओर से अदालतों में लगातार डीए की मांग को चुनौती दी गई. चौंकाने वाली बात यह है कि सरकारी कर्मचारियों को डीए ना देना पड़े, इसके लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट में 200 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन डीए भुगतान की जहमत नहीं उठाई.
इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को उनका वैध डीए न देने के लिए कानूनी लड़ाई में ₹200 करोड़ से ज्यादा खर्च कर दिए, जबकि यह राशि विकास कार्यों में लगाई जा सकती थी.
अधिकारी ने दावा किया है कि “ट्राइब्यूनल और कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बावजूद राज्य सरकार ने जानबूझकर मामला सुप्रीम कोर्ट में घसीटा. सरकार को पहले ही पता था कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी विशेष अनुमति याचिका सफल नहीं होगी, फिर भी ₹200 करोड़ खर्च किए गए. इतनी रकम से 10 अस्पताल या 200 स्कूल बनाए जा सकते थे.”
दरअसल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ — न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा — ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अगले चार सप्ताह के भीतर डीए का 25 प्रतिशत बकाया भुगतान करे. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी.
अधिकारी ने यह भी कहा है कि सरकार भाग्यशाली है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ 25 प्रतिशत भुगतान का निर्देश दिया, जबकि पहले कोर्ट ने 50 प्रतिशत भुगतान की बात कही थी. बाद में सरकारी वकील की गुहार पर अदालत ने सहानुभूति दिखाते हुए 25 प्रतिशत भुगतान की छूट दी.
——
राज्य कर्मचारियों ने फैसले का किया स्वागत
उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साझा मंच ‘संयुक्त मंच’ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. मंच के संयोजक भास्कर घोष ने कहा, “हम आश्वस्त हैं कि हमें धीरे-धीरे पूरा बकाया डीए मिलेगा. यह राज्य सरकार के चेहरे पर करारा तमाचा है.”
वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार अपने कर्मचारियों को केवल 18 प्रतिशत महंगाई भत्ता देती है, जबकि केंद्र सरकार और कई अन्य राज्य सरकारें 55 प्रतिशत तक डीए दे रही हैं.
अनुमान के अनुसार, 25 प्रतिशत बकाया डीए का भुगतान राज्य सरकार के खजाने से लगभग 12 हजार करोड़ की तत्काल निकासी का कारण बनेगा.
/ ओम पराशर
You may also like
RCB vs KKR Dream11 Prediction: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु या कोलकाता नाइट राइडर्स, यहां देखिए Fantasy Team
Vitamin Deficiency : हाथ-पैरों में होती है झुनझुनी? कहीं इस विटामिन की कमी तो नहीं, जानें लक्षण और बचाव के तरीके
IPL 2025: डीसी कैंप से बड़ी रिपोर्ट आई सामने, अब केएल राहुल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आएंगे नजर
गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास! भाला फेंक में छुआ 90 मीटर का जादुई आंकड़ा, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
Weight Gain : गोलगप्पे खाने से सच में बढ़ता है वजन? 90% लोग अनजान हैं इस वजह से