कोलकाता, 02 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दुर्गा पूजा की नवमी की रात कोलकाता की सड़कों और पूजा पंडालों में जनसैलाब उमड़ पड़ा. दशमी के साथ ही प्रतिमा विसर्जन का क्रम शुरू होने के कारण श्रद्धालुओं और दर्शकों के लिए यह पूजा भ्रमण की अंतिम रात रही. ऐसे में राजधानी में भीड़ का स्तर अन्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक देखने को मिला.
सप्तमी और अष्टमी पर जिन लोगों ने सभी पंडालों का भ्रमण नहीं कर पाया था, वे नवमी की रात सड़कों पर उतर आए. वहीं, जो लोग किसी कारणवश पिछले तीन दिनों में पूजा देखने नहीं आ सके थे, उन्होंने भी इस दिन अवसर का पूरा लाभ उठाया. कोलकाता में करीब तीन हजार से अधिक बड़े पंडाल होने के कारण सीमित दिनों में सभी का भ्रमण कर पाना संभव नहीं था. इसी वजह से नवमी की रात लोगों ने एक के बाद एक पंडाल घूमने का प्रयास किया.
भीड़ का आलम यह रहा कि हावड़ा और सियालदह स्टेशन से निकलने वाले लोग बड़ी संख्या में सरकारी और प्राइवेट बसों का सहारा ले रहे थे. बसों में सीटें पूरी तरह भरने के बाद यात्री गेट पर लटक कर सफर करते नजर आए. मेट्रो स्टेशनों पर भी प्रवेश और निकास द्वार पूरी तरह खोल दिए गए. कूपन टिकट सिस्टम के तहत यात्री धड़ल्ले से अंदर प्रवेश कर ट्रेन पकड़ रहे थे. दमदम से कवि सुभाष तक हर स्टेशन पर जितने लोग उतरते उससे कहीं अधिक नए यात्री चढ़ते रहे.
शहर से सटे शिल्पांचल क्षेत्रों के लिए चलने वाली लोकल ट्रेनों में भी सुबह से देर रात तक भारी भीड़ रही. सुबह नौ बजे से शुरू हुई भीड़ देर रात तक जारी रही. पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती, लेकिन भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि हर जगह यातायात और सुरक्षा बलों को मशक्कत करनी पड़ी.
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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