–मुजफ्फरनगर जनपद न्यायालय की शिकायत निवारण समिति का आदेश निरस्त
Prayagraj, 12 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक आदेश में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह जनपद न्यायालय के कर्मचारी भी एक वेतन वृद्धि को पाने के हकदार हैं.
यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने विनोद कुमार सक्सेना व सुधीर कुमार अग्रवाल की याचिका पर दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने याचियों के सम्बंध में जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर की शिकायत निवारण समिति का आदेश निरस्त करते हुए यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य बनाम पी अयप्पापेरूमल के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और प्रदेश सरकार के 12 जून 2024 के शासनादेश के अनुसार याचियों के मामले में दो महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विनोद कुमार सक्सेना जनपद न्यायालय मुजफ्फरनगर में स्टेनो और सुधीर कुमार अग्रवाल सदर मुंसरिम के पद से 30 जून 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे. उन्होंने जिला जज मुजफ्फरनगर को प्रार्थना पत्र देकर एक जुलाई 2018 से 30 जून 2019 के बीच एक वेतन वृद्धि सहित पेंशनरी बेनिफिट्स की मांग की. उनके प्रार्थना पत्रों को चार सदस्यीय शिकायत निवारण समिति के पास भेजा गया, समिति ने वरिष्ठ कोषाधिकारी मुजफ्फरनगर से इस सम्बंध में आख्या मांगी तो आख्या में कहा गया कि ऐसा कोई शासनादेश नहीं है कि 30 जून को सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को एक वेतन वृद्धि दी जाए.
इस पर शिकायत निवारण समिति ने पांच अगस्त 2019 को याचियों के प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए. समिति के इसी आदेश को दोनों कर्मचारियों ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी.
—————
(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
You may also like
23 साल बाद किसी वेस्टइंडीज ओपनर ने ठोका भारत में टेस्ट शतक, इतिहास रचकर जॉन कैंपबेल ने क्या कहा?
मालदीव के नाम बड़ी उपलब्धि, 'ट्रिपल उन्मूलन' को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश : डब्ल्यूएचओ
नितिन गडकरी ने पुडुचेरी में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक के हाइवे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास किया
होटल के कमरे से ये 5 चीजें उठाकर` घर ले जा सकते हैं आप. चोरी नहीं हक है आपका
निकाय चुनाव से पहले NCP में बड़ी हलचल, शरद पवार की मीटिंग से निकली नई रणनीति