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विश्वविद्यालय के ज्ञान को समाज व राष्ट्र के कल्याण में लगाएं डिग्रीधारी : आनंदीबेन पटेल

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गोरखपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने आज मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की और विभिन्न शोधार्थियों को उपाधि एवं छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किये।

इस अवसर पर महामहिम ने विश्वविद्यालय के न्यूज लेटर तथा विभिन्न अध्यापकों द्वारा रचित पुस्तकों का विमोचन एवं जनपद कुशीनगर के आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट भी प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने उपाधि, गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रगति की ओर अग्रसर है। यह विश्वविद्यालय उस मुकाम की ओर अग्रसर है जहां पहुचना हमारा लक्ष्य होता है। आज यहां परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को भी सम्मानित किया गया। इन विधार्थियों में खेल, नृत्य, गायन, वाचन प्रतिभाएं है, लेकिन यह तभी पता चलता है जब इन्हें प्रतियोगिताओं में सम्मिलित करते है। यह प्रसन्नता की बात है कि विश्वविद्यालय ने अपने दीक्षांत समारोह के अवसर पर इन बच्चों के बीच प्रतियोगिता कराकर इन्हें पुरस्कृत कराने का कार्य किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि आज आप सबने ज्ञान प्राप्त कर लिया, यह बहुत बड़ी बात नही है। बड़ी बात यह है कि हम सबको प्राप्त इस ज्ञान को अब समाज व राष्ट्र के कल्याण में लगाना है। जिस प्रकार वृक्ष फल लगने पर झुक जाता है और अपने फल मानव कल्याण के लिए समर्पित कर देता है उसी प्रकार हम सबको अपने ज्ञान, रिसर्च एवं नवाचार को समाज के कल्याण में लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको पढ़ने की आदत को लगातार बढ़ाना चाहिए। विश्वविद्यालय तथा छात्रों को छोटे बच्चों के बीच जाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हमें समय समय पर उनको मार्गदर्शन देकर उनका ज्ञानवर्धन करना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को छात्रों के ज्ञान में वृद्धि हेतु अच्छी लाईब्रेरी की व्यवस्था करनी चाहिए। विश्वविद्यालयों को परिषदीय विद्यालयों में भी लाईब्रेरी की उपलब्धता की दिशा में कार्य करना चाहिए। विश्वविद्यालय को अपने ज्ञान के माध्यम से ग्रामीण विकास किसान कल्याण, युवा कल्याण, की दिशा में अग्रसर होना चाहिए। विश्वविद्यालय एवं छात्रों का यह दायित्व है कि वह अपने ज्ञान और कौशल को गांव, किसान, युवा एवं बच्चों तक पहुंचाये।

उन्होंने कहा कि पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआईआर के माध्यम से विश्वविद्यालय में एक महिला छात्रावास का निर्माण किया गया है। संस्था का यह कार्य उनके सीएसआईआर फण्ड के सदुपयोग को दर्शाता है। सीएसआईआर या अन्य माध्यम से हमें इस प्रकार के कार्यक्रम को निरंतर आगे बढ़ाना चाहिए। छात्रावास की व्यवस्था से दूर दराज के छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में बहुत की सहुलियत होती है।

राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपने यहां अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्हें आर्टिफिशियल इंटलिजेंस के उपयोग के दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग में हमें बहुत ही सावधानी रखनी चाहिए। तकनीक का सदुपयोग और दुरूपयोग दोनों हो सकता है। विश्वविद्यालय तकनीक के दुरूपयोग को रोकने की दिशा में भी कार्य कर सकता है। छात्रों को नई तकनीक के बारे में प्रशिक्षित भी करना चाहिए। आज यहां डीजी लाकर के माध्यम से जारी डिग्री को डाउनलोड करने के प्रक्रिया के बारे में छात्रों को अवश्य अवगत करायें। उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने ज्ञान का परिमार्जन करते रहे और इस ज्ञान को अपने समाज व राष्ट्र के कल्याण में लगाते रहे। हम सब ऐसा कार्य निरंतर करते रहेंगे तो बहुत जल्द भारत विश्व गुरू का दर्जा पुनः प्राप्त कर लेगा।

इस अवसर पर दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि इसरो के अध्यक्ष वी0 नारायण, विशिष्ट अतिथि कार्यकारी निदेशक पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, तथा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति जे0पी0सैनी ने भी छात्र/छात्राओं को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री डा0 संजय निषाद, विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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