प्रयागराज,09 सितंबर (Udaipur Kiran) । खाद को लेकर जिस तरह से समस्या दिख रही है, उतनी खाद की कमी नहीं है। यदि सरकार पंजीकृत दुकानों और सहकारी समितियां को ऑनलाइन कर दे तो यह समस्या समाप्त हो सकती है। यह बात मंगलवार को मीडिया से वार्ता करते हुए कृषक समृद्धि आयोग उत्तर प्रदेश लखनऊ के सदस्य कुलजीत सिंह ने कही।
उन्होंने बताया कि एक क्षेत्र में यदि सहकारी समिति में चार ट्रक खाद आती है तो इस क्षेत्र में 10 दुकानों में लगभग 14 ट्रक खाद रहती है लेकिन जब तक सरकारी समितियां में खाद रहती है सारे दुकानदार इधर-उधर करते रहते हैं और जैसे ही सहकारी समिति में खाद खत्म होती है, ओवर रेटिंग कर किसानों को खाद देने लगते हैं। यदि ऑनलाइन खाद हो जाएगी तो सरकारी समिति का सचिव उस पर निगरानी रखेगा और किसानों को दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा। यदि किसानों को उचित दाम पर समिति की लिखी हुई पर्ची पर किसानों को खाद पंजीकृत दुकानदार नहीं देता है तो उसकी शिकायत जिला कृषि अधिकारी से कहकर दुकान का पंजीकरण समाप्त करने की कार्रवाई जा सकती है। इस तरह खाद की कालाबाजारी में रोक लगाना संभव हो जाएगा। सहकारी समिति में मौजूद खाद को लेकर सहकारी समिति में प्रशासन बटवा सकता है। इसमें 14 रूपए प्रति बोरी जो कमीशन मिलता है वह सहकारी समिति को मिलेगा और शेष पैसा दुकानदार को वापस कर दिया जाएगा। इस तरीके से ऑनलाइन होने पर क्षेत्र के सभी दुकानों और सहकारी समितियों में हर समय खाद उपलब्ध दिखती रहेगी। इससे खाद की कालाबाजारी से शत प्रतिशत बंद कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं यह सुझाव आज मीडिया के माध्यम से उप्र सरकार को देना चाहता हूं । इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप्र के शासन के मुख्य सचिव को आयोग की तरफ से भेज दिया है शीघ्र ही योगी इस पर कार्रवाई कर नियम बनाने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
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(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल
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