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ऐतिहासिक शुकदेव ऋषि की तपस्थली के तीन मंदिरों पर अस्तित्व का खतरा

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अल्मोड़ा, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । बाग्वालीपोखर के सकुनी गांव स्थित ऐतिहासिक शुकेश्वर महादेव मंदिर समूह के तीन मंदिर अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। मंदिर समूह को मूल स्वरूप में लौटाने के लिए पुरातत्व विभाग ने एक वर्ष प्रस्ताव शासन को भेजा था। इसे अब तक स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

ऐसे में विभाग के लिए मंदिर को सहेजकर इसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चुनौती बन गया है। जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर द्वारहाट विकासखंड के सकुनी गांव में नागरशैली में बने शुकेश्वर महादेव मंदिर के तीन मंदिर बदहाली की मार झेल रहे हैं। नागर, बल्‍वी और पीढ़ा शैली के तीन मंदिरों को रिसेट कर इन्हें वास्तविक स्वरूप में लौटाने और मंदिर में सौंदर्यीकरण कार्य के लिए एक करोड़ 40 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिल सकी है।

शुकदेव ऋषि की तपस्यास्थली है : मान्यता है कि यह मंदिर शुकदेव ऋषि की तपस्या स्थली रहा है। मंदिर में चतुर्भुजी गणेश, शिवशक्ति, पाषाण मुख नंदी, शिव, भैरव आदि देवताओं की पत्थरों की दुर्लभ मर्तियां स्थापित हैं। अल्मोड़ा के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान का कहना है कि तीन मंदिरों को रिसेट करने और मंदिर में सौंदर्यकरण कार्य के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर ही कार्य संभव है।

(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI

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