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मप्र में जनजातीय परिवारों को सशक्त करने के लिए बनेगा तीन लाख 'आदि कर्मयोगियों' का समर्पित संवर्ग

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– 41 जिलों के 11294 जनजातीय बहुल गांवों को मिलेगा लाभभोपाल, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश में जनजातीय परिवारों को सशक्त बनाने और प्रत्येक परिवार को योजनाओं का लाभ देने के लिए तीन लाख आदि कर्मयोगियों का समर्प‍ित संवर्ग तैयार किया जा रहा है। इससे 41 जिलों के 11 हजार 294 जनजातीय बहुल गांवों में रह रहे परिवारों को लाभ होगा। इसका उद्देश्य जनजातीय कल्याण के लिए उत्तरदायी, पारदर्शी और जवाबदेह शासन को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में जनजातीय परिवारों के लिए तैयार हो रहा यह समर्प‍ित संवर्ग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण में जनजातीय परिवारों की समान भागीदारी की सोच को दर्शाता है।

जनसंपर्क अधिकारी अवनीश सोनकुंवर ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार आदि कर्मयोगी अभियान में शासकीय अधिकारी ‘आदि कर्मयोगी’ के रूप में युवा नेता, शिक्षक, डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जनजातीय कार्यों में रूचि रखने वाले प्रतिबद्ध लोग ‘आदि सहयोगी’ के रूप में और स्व-सहायता समूह, जनजातीय नेता, स्वयंसेवक, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, गांव के निवासी आदि साथी के रूप में जुड़ सकते हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत आदि कर्मयोगी अभियान में मध्य प्रदेश में विशेषज्ञ संस्था भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन-बी.आर.एल.एफ द्वारा आदि कर्मयोगियों को राज्य, जिला, विकासखंड और ग्राम स्तरीय प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर तैयार किये जा रहे हैं।

जनसंपर्क अधिकारी सोनकुंवर ने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, ग्रामीण विकास, वन, पंचायती राज विभाग और जल जीवन मिशन शामिल हैं। यह अभियान केन्द्र से लेकर विकासखंड स्तर तक जनजातीय विकास के संपूर्ण दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और सार्वजनिक संस्थानों में विश्वास बढ़ाने का कार्य करेगा। आदि कर्मयोगी अभियान के प्रथम चरण में देश के 27 राज्यों के 326 जिलों को शामिल किया गया है। इसमें मध्यप्रदेश के 41 जिले शामिल हैं। अभियान के अंतर्गत धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्राम स्तर पर अपेक्षित परिणामों में मुख्य रूप से महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे-आवास, सड़क, पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य में सौ प्रतिशत लक्ष्य हासिल करना है।

उन्होंने बताया कि स्‍टेट प्रोसेस लैब प्रशिक्षण का चार दिवसीय दूसरा सत्र 23 अगस्त से राजधानी भोपाल सहित 24 जिलों में शुरू हो रहा है। प्रथम चरण के 17 जिलों में एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम हुआ। राज्य स्तरीय प्रोसेस लैब प्रशिक्षण के प्रथम चरण में 11 से 14 अगस्‍त को भोपाल में दो स्थानों पर 17 जिलों के 136 डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्ष‍ित किया गया। डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब 20 से 22 अगस्त तक चली। इसमें केन्‍द्रीय जनजातीय कार्य राज्‍यमंत्री दुर्गादास उइके और मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने मार्गदर्शन दिया।

उन्होंने बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य, जिला, विकासखंड और ग्राम स्तर पर उत्तरदायी समूह बनाये गये हैं। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव जिला स्तर पर संबंधित कलेक्टर और विकासखंड स्तर पर एसडीएम उत्तरदायी समूहों की अध्यक्षता करेंगे। जनजातीय बहुल गांव अब नया परिवर्तन अनुभव करने के लिए तैयार हो रहे हैं। सड़क संपर्क, पक्के मकान, पेयजल, घरेलू बिजली, आयुष्यमान भारत, डिजिटल सेवा जैसी सेवाओं से जनजातीय परिवार अब वंचित नहीं रहेंगे। प्रदेश में आदि सेवा केन्द्र बनाने की भी तैयारी है, जहां शिकायत निवारण रजिस्टर, नोडल अधिकारियों के संपर्क नम्बर और ग्राम के विकास का विजन तैयार करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया जायेगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 02 अक्टूबर 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया था। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा इस अभियान के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी के मिशन अनुरूप आदि कर्मयोगी अभियान प्रारंभ किया गया है। आदि कर्मयोगी एक राष्ट्रीय मिशन है। इसमें जमीनी स्तर पर शासन-प्रशासन तंत्र तथा सेवाओं को जनजातीय परिवारों के हित में मजबूत बनाया जायेगा। इस अभियान से देश में 20 लाख जिला अधिकारियों एवं अन्य हितधारकों का एक कैडर विकसित हो रहा है। इसमें मध्य प्रदेश के तीन लाख आदि कर्मयोगी शामिल हैं।___________

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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