काठमांडू, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) . नेपाल ने चीन से कोरला नाका मार्ग खोलने के संबंध में वार्ता की है. अगर चीन राजी हो जाता है तो कैलाश मानसरोवर की यात्रा करना और आसान हो सकता है. नेपाल के मुस्तांग जिले के कोरला से यात्रा मार्ग शुरू होने से धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र को काफी लाभ हो सकता है.
लोकमान्थांग और लोघेकर दामोदरकुण्ड के स्थानीय जनप्रतिनिधियों का एक दल इस प्रस्ताव को लेकर शुक्रवार को चीन के ढोंगवासेन पहुंचा.लोकमान्थांग गांवपालिका अध्यक्ष टी. गुरूंग ने बताया कि गृह मंत्रालय और आव्रजन विभाग के समन्वय में दोनों स्थानीय इकाइयों के 13 जनप्रतिनिधियों ने तिब्बती जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ वार्ता की.
गुरूंग ने कहा कि कोरला नाका खुल जाने से कैलाश मानसरोवर और ल्हासा (तिब्बत) की यात्रा करना आसान हो जाएगा. चीन के बौद्ध धर्मावलंबी भी इसी मार्ग से लुम्बिनी की यात्रा कर सकेंगे. कोरला नाका से कैलाश मानसरोवर की दूरी लगभग 300 किलोमीटर और ल्हासा की दूरी लगभग 1000 किलोमीटर है.
म्याग्दी उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष सुविन श्रेष्ठ के अनुसार, कोरला नाका से होकर कैलाश मानसरोवर की यात्रा बहुत ही छोटी, सस्ती और सुविधाजनक होगी. वर्तमान में Indian और नेपाली तीर्थयात्री हुम्ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर दर्शन के लिए जाते हैं. मौजूदा Indian मार्ग से यात्रा करने पर प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये से अधिक खर्च करना पड़ता है. कोरला मार्ग से आवागमन शुरू होने पर यह यात्रा बहुत कम लागत में संभव हो सकेगी.
कोरला नाका नवंबर 2023 से मुस्तांग वासियों से व्यापार के लिए खोला गया था. पिछले वर्ष आव्रजन कार्यालय भी स्थापित किया गया. इस वर्ष तातोपानी और रसुवा नाका बंद होने के बाद चीन और नेपाल के बीच वस्तु विनिमय अब कोरला नाका के माध्यम से हो रहा है. पोखरा और काठमांडू से हवाई तथा सड़क मार्ग से कोरला नाका तक पहुंचना आसान है.
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(Udaipur Kiran) / पंकज दास
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