बलरामपुर, 24 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Chhattisgarh के बलरामपुर जिले के रामानुजगंज की जीवनरेखा मानी जाने वाली कन्हर नदी को अब फिर से उसकी पवित्र पहचान लौटाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. नगर पालिका ने नदी की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए ऐसा तरीका अपनाया है, जिससे आस्था भी बनी रहे और नदी भी प्रदूषित न हो.
कन्हर नदी, जिसे उत्तरवाहिनी होने के कारण गंगा के समान पवित्र माना जाता है, बीते दिनों श्रद्धालुओं की लापरवाही के चलते गंदगी की चपेट में आ रही थी. पूजा के बाद फूल, माला और अन्य सामग्री सीधे नदी में प्रवाहित किए जाने से नदी का जल दूषित हो रहा था और घाटों पर कचरे के ढेर लग रहे थे.
मीडिया में खबर आने के बाद नगर पालिका हरकत में आई और अब इस पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है. प्रशासन की पहल के तहत श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे अपनी पूजन सामग्री सीधे नदी में प्रवाहित न करें, बल्कि एनीकट के नीचे या निर्धारित स्थानों पर डालें.
नगर पालिका अध्यक्ष रमन अग्रवाल और मुख्य नगरपालिका अधिकारी सुधीर कुमार ने खुद मौके पर पहुंचकर घाटों का निरीक्षण किया. उन्होंने साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया और कर्मचारियों को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए. अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा कि कन्हर हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, इसे स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेदारी है. नगर पालिका लगातार घाटों की सफाई और जागरूकता अभियान चलाती रहेगी.
नगर पालिका की इस मुहिम का असर आज शुक्रवार की सुबह दिखने लगा , जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु नियमों का पालन करते हुए पूजन सामग्री निर्धारित स्थानों पर डाल रहे हैं. इसके चलते घाटों की सुंदरता और नदी का जल दोनों ही पहले से अधिक साफ नजर आने लगे हैं.
उल्लेखनीय है कि, नगर पालिका की यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है, बल्कि यह इस बात की मिसाल भी है कि प्रशासन और जनता मिलकर आस्था और स्वच्छता का संतुलन बनाए रख सकते हैं.
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(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
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