कछार (असम), 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम के मुख्य सचिव डॉ. रवि कोटा ने कछार जिले के चार दिवसीय दौरे के दौरान अनानास की खेती और चाय बागान श्रमिकों के पुनर्वास परियोजनाओं की समीक्षा की। दौरे का उद्देश्य बराक घाटी की कृषि संभावनाओं को सशक्त बनाना और श्रमिकों के जीवनस्तर को बेहतर बनाना था।
लखीपुर के मर्खवलेन स्थित विस्तृत अनानास बागानों से अपनी यात्रा शुरू करते हुए डॉ. कोटा ने किसानों से सीधे संवाद किया और खेती के तरीकों का अवलोकन किया। उन्होंने उत्पादकता की गुणवत्ता बनाए रखने, मूल्य संवर्धन और विपणन प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। ह्मार एग्रो ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के कार्यालय में आयोजित बैठक में उन्होंने किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) के सदस्यों को जिला प्रशासन और प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ मिलकर एक प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए प्रेरित किया।
इस समीक्षा बैठक में कछार के उपायुक्त मृदुल यादव, जिला कृषि अधिकारी डॉ. एआर अहमद, सहायक आयुक्त लख्यज्योति गोगोई, वरिष्ठ कृषि अधिकारी डॉ. आर चक्रवर्ती व डॉ. एनसी दास समेत कई अधिकारी उपस्थित थे। ह्मार ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी के चेयरमैन लालपिएंगलॉम ह्मार, सीईओ मखनलाल दुसाद और ह्मार सुप्रीम हाउस तथा ह्मार स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी सक्रिय रूप से शामिल हुए।
बाद में डॉ. कोटा ने प्रस्तावित डोलू ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निकट लालबाग क्षेत्र का दौरा किया, जहां चाय बागान श्रमिकों के लिए बनाए जा रहे 173 घरों के निर्माण की समीक्षा की। उन्होंने विद्युत आपूर्ति, जल सुविधा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर भी चर्चा की। इस निरीक्षण में आयुक्त मृदुल यादव, एडीसी डॉ. खालिदा सुल्ताना अहमद और सहायक आयुक्त लख्यजोत गोगोई भी उपस्थित रहे।
बराक घाटी दौरे के समापन पर डॉ. कोटा ने कहा, “कछार में उच्च गुणवत्ता वाले अनानास उत्पादन और कृषि-आधारित उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं। किसानों, एफपीसी और प्रशासन के बीच जो सहयोग देखा, वह प्रेरणादायक है। पुनर्वास परियोजनाएं भी समावेशी विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।”
मुख्य सचिव का यह दौरा राज्य सरकार की कृषि, मूल्य संवर्धन व उद्योगों को बढ़ावा देने और वंचित वर्गों के उत्थान की नीति को और सुदृढ़ करेगा।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश