संरक्षण नहीं मिला तो विलुप्त हो जायेगी हमारी सांस्कृतिक विरासत: वल्लभाचार्य पाण्डेय
वाराणसी,27 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सावन माह की हरियाली तीज रविवार को महिलाओं ने उल्लास पूर्ण माहौल में मनाई। पर्व पर महिलाओं ने परम्परागत तरीके से एक दूसरे को मेंहदी और महावर लगाया। इसके बाद कजली, सोहर, विवाह गीत, भजन, देवी गीत, पचरा आदि गीतों को गाकर पर्व मनाया।
इसी क्रम में चौबेपुर क्षेत्र के कैथी भंदहा कला गांव में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट की ओर से हरियाली तीज पर कजली उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आशा पुस्तकालय और स्वावलम्बन कार्यक्रम से जुडी बालिकाओं और महिलाओं ने मेंहदी और महावर लगाने के बाद कजली, सोहर की प्रस्तुति की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लोक कलाकार तेज बहादुर सिंह यादव उर्फ़ मंगरू भैया ने कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति की विरासत को सहेजने व संरक्षित करने के लिए समाज के बुद्धिजीवी और विशेषज्ञों को आगे आना होगा। युवा पीढ़ी को भी इससे जोड़ना होगा तभी यह विरासात अगली पीढ़ी तक पहुंचेगी। आज लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन की बड़ी आवश्यकता है। वर्तमान पीढ़ी को अपनी समृद्ध विरासत वाली लोक संस्कृति, लोक परंपरा, लोक गीत, लोक पर्व आदि से जुड़े रहना आवश्यक है।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत कर आशा ट्रस्ट के संयोजक वल्लभाचार्य पांडेय ने कहा कि लोक कलाओं को समाज से संरक्षण नहीं मिला तो हमारी सांस्कृतिक विरासत विलुप्त हो जायेगी।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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