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महाराष्ट्र के सरकारी पाठ्यक्रम में शामिल हुई पवन चौहान की बाल कविता

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मंडी, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के महादेव गांव के साहित्यकार पवन चौहान की बाल कविता पता करो जी को महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती व अभ्यासक्रम संशोधन मंडल, पुणे ने अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है। उनकी इस कविता को महाराष्ट्र राज्य के पहली कक्षा के लाखों विद्यार्थियों को बाल भारती हिंदी की पाठ्यपुस्तक में सत्र 2025-26 से पढ़ाया जा रहा है। इस कविता को सरकारी और निजी विद्यालयों के विद्यार्थी पढेंगे।

पवन चौहान ने बताया कि उनकी इस मजेदार बाल कविता को बच्चे जहां आनंद से गा सकते हैं वहीं यह कविता उन्हें अपने परिवेश व अपनी धरती से जोड़ती हुई कई जानकारियों से अवगत करवाती है। पुस्तक बाल भारती राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या प्रारूप आधारभूत स्तर 2023 एवं उस पर आधारित राज्य आधारभूत शिक्षण पाठ्यक्रम 2024 को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। पहली कक्षा के बच्चों के स्तर को ध्यान में रखते हुए पुस्तक में बच्चों के लिए मनोरंजक, रूचिपूर्ण और जानकारी से सजी सामग्री को शामिल किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी पवन की बाल कहानी अलगअंदाज में होली को महाराष्ट्र के ही सरकारी पाठ्यक्रम की सातवीं कक्षा में बच्चे पढ़ रहे हैं। पवन चौहान कविता, कहानी, बाल कहानी, फीचर लेखन में बराबर सक्रीय हैं। हिमाचली बाल साहित्य में इनका कार्य उल्लेखनीय है। इससे पूर्व इनकी कई रचनाएं विभिन्न स्कूली तथा विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हुई हैं।

पवन चौहान की अब तक बाल साहित्य पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है तथा इनके द्वारा कई पुस्तकों का संपादन भी किया गया है। फेगड़े का पेड़ कविता को वर्ष 2017 का प्रतिलिपि संपादकीय चयन कविता सम्मान के साथ बाल साहित्य के कई अन्य सम्मानों से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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