– गौरव गोगोई की स्वीकारोक्ति से 10 सितम्बर को आने वाले ‘भूकंप’ के संकेत
गुवाहाटी, 28 मई . आख़िरकार छिपी हुई बिल्ली थैले से बाहर आ गई. ये कहते हुए असम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने दावा किया कि सांसद गौरव गोगोई को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को आंशिक रूप से स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. पत्रकारों से बात करते हुए सैकिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा द्वारा गोगोई पर लगाए गए आरोप पूरी तरह सही हैं, जिसे गोगोई की खुद की स्वीकारोक्ति ने साबित कर दिया है. हालांकि गोगोई ने केवल एक-तिहाई आरोप माने हैं, शेष दो-तिहाई पर वह चुप्पी साधे हुए हैं.
सैकिया ने सवाल किया कि क्या गोगोई में साहस है यह बताने का कि उन्होंने पाकिस्तान में कितना समय बिताया, वहां क्या किया, कहां गए और किनसे मिले? उन्होंने मांग की कि गोगोई असम की जनता के सामने पूरे सच का खुलासा करें.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पाकिस्तान-समर्थन नीति कोई नई बात नहीं है. समय-समय पर कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रीय नीति के खिलाफ जाकर भी पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाई है. जब गोगोई पर आरोप लगे थे, तो कांग्रेस ने उन्हें सिरे से खारिज कर दिया था. पार्टी में वंशवादी राजनीति के चलते कोई नेता सच्चाई के पक्ष में खड़ा नहीं हो सका. 10 सितम्बर को संभावित ‘भूकंप’ से पहले कांग्रेस अपनी किरकिरी से बचने के लिए गोगोई से यह कबूल करवा रही है.
भाजपा अध्यक्ष ने पूछा कि क्या गोगोई पाकिस्तान भारत के हित में गए थे, या आईएसआई के बुलावे पर या फिर आतंकी शिविरों का निरीक्षण करने? उन्होंने कहा कि असम की जनता इन सवालों के जवाब चाहती है, जो संभवतः 10 सितम्बर को साफ हो पाएंगे. मुख्यमंत्री सच्चाई के आधार पर बोलते हैं, लेकिन गोगोई ने सीधे जवाब देने की बजाय मुख्यमंत्री और भाजपा पर हमले शुरू कर दिए.
सैकिया ने दावा किया कि अब सच्चाई सामने आ चुकी है, जो गोगोई की दिल्ली में हुई प्रेस कांफ्रेंस में उजागर हो गई- बिल्ली अब थैले से बाहर है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से संदेह के घेरे में रही है. एसआईटी की रिपोर्ट 10 सितम्बर को आने से पहले, गोगोई को पाकिस्तान यात्रा को लेकर शायद 4–5 और प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ेंगी. सैकिया ने उन वामपंथी बुद्धिजीवियों और कांग्रेस समर्थकों पर भी निशाना साधा, जिन्होंने गोगोई की छवि को नैतिक और ईमानदार बताने की कोशिश की थी, जबकि अब तथ्य बिल्कुल स्पष्ट हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का पाकिस्तान और बांग्लादेश प्रेम जगजाहिर है. 1993 में आईएमडीटी एक्ट लाकर कांग्रेस ने असम को अवैध विदेशियों की शरणस्थली बना दिया था. उनका तुष्टिकरण आधारित राजनीति का नतीजा यह हुआ कि पूर्वी बंगाल मूल के लोगों का प्रभाव बढ़ता गया. यह सब गोगोई के पूर्ववर्ती कांग्रेस नेताओं के फैसलों का परिणाम है.
हालांकि सैकिया ने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है और कांग्रेस को असम विरोधी कृत्यों के लिए हमेशा जनता के सामने जवाबदेह रहना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई असम के बेटे जरूर हैं, लेकिन कांग्रेस ने सदैव असम के मूल निवासियों के हितों के खिलाफ काम किया है. पार्टी ने राज्य को संकटों में झोंका है. इन पापों का प्रायश्चित अगले 20–25 वर्षों तक करना होगा.
/ श्रीप्रकाश
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