झारखंड का मौसम फिर से करवट लेने वाला है। बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर के बीच बना गहरा निम्न दबाव क्षेत्र अब तूफान का रूप लेने को तैयार है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार सुबह यह निम्न दबाव क्षेत्र “मोंठा” नामक चक्रवातीय तूफान में बदल जाएगा। अगर आप झारखंड में रहते हैं, तो अगले कुछ दिन सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि बारिश और तूफान का असर जोरदार होने वाला है।
मंगलवार को तट से टकराएगा मोंठा तूफान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि मंगलवार सुबह तक यह तूफान और खतरनाक होकर गंभीर चक्रवातीय तूफान में बदल जाएगा। यह उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हुए मंगलवार शाम तक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराएगा। झारखंड में इसका असर मंगलवार को अर्घ्य के बाद दिखना शुरू होगा। मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक राज्य में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
किसानों के लिए अलर्ट: फसल बचाने की तैयारी करें
मौसम विभाग के कृषि परामर्श विभाग ने झारखंड के किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खेतों में तैयार धान की फसल को जल्द से जल्द काटकर सुरक्षित जगह पर रखने की अपील की गई है। मोंठा तूफान के कारण तेज हवाएं और भारी बारिश फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसल कटाई में देरी न करें, वरना बड़ा नुकसान हो सकता है।
क्यों रखा गया ‘मोंठा’ नाम?
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस तूफान का नाम थाइलैंड के एक सुगंधित फूल ‘मोंठा’ के नाम पर रखा गया है। यह फूल अपनी खास खुशबू के लिए मशहूर है। मौसम विभाग सोमवार सुबह इस तूफान के चक्रवातीय रूप लेते ही इसके नाम की आधिकारिक पुष्टि कर देगा।
तूफान से कितना नुकसान?
मोंठा तूफान के कारण झारखंड के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश की आशंका है। खेतों में खड़ी धान की फसल को सबसे ज्यादा खतरा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान की वजह से न सिर्फ फसलों को, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी नुकसान हो सकता है। इसलिए, किसानों और आम लोगों को पहले से ही तैयार रहने की जरूरत है।
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