बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता परेश रावल ने कुछ समय पहले एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि अपनी सेहत को दुरुस्त करने के लिए उन्होंने अपना पेशाब यानी यूरिन पिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने हंसते हुए कहा कि वह इसे बीयर की तरह पीते थे! इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और लोग उनकी आलोचना करने लगे। लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई में अपना पेशाब पीना सेहत के लिए फायदेमंद है? आइए, इस बारे में सीपीयू-पीएसआई सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, योग और संस्कार के डायरेक्टर (मानद), प्रोफेसर राम अवतार से जानते हैं।
क्या सचमुच पेशाब पीना सेहत के लिए अच्छा है?प्रोफेसर राम अवतार बताते हैं कि आयुर्वेद में पेशाब पीने को सेहत के लिए लाभकारी माना गया है। उन्होंने बताया कि हमारे देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी अपने यूरिन से इलाज किया करते थे। आयुर्वेद में सुबह का पहला पेशाब पीने के कई फायदों का जिक्र मिलता है, और इस पर कई लेख और शोध भी लिखे गए हैं। लेकिन क्या यह वाकई फायदेमंद है, या फिर इसके नुकसान भी हैं?
दूसरी ओर, एलोपैथी यानी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में पेशाब पीने को सही नहीं माना जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि पेशाब में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इससे किडनी खराब होने का खतरा भी रहता है। प्रोफेसर राम अवतार इस पर कहते हैं कि जिन लोगों को मुंह में पायरिया, अल्सर या फिर मुंह का कैंसर है, उनके लिए पेशाब पीना नुकसानदायक हो सकता है।
पेशाब पीने की क्रिया को क्या कहते हैं?पेशाब पीने की प्रक्रिया को यूरोफैगिया (Urophagia) या यूरिन थेरेपी (Urine Therapy) कहा जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति अपने यूरिन का सेवन करता है। हालांकि, वैज्ञानिक इस प्रथा का समर्थन नहीं करते और इसे सेहत के लिए लाभकारी नहीं मानते।
तो क्या है सही रास्ता?यूरिन थेरेपी को लेकर आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में अलग-अलग मत हैं। जहां आयुर्वेद इसे कुछ मामलों में फायदेमंद बताता है, वहीं आधुनिक विज्ञान इसे जोखिम भरा मानता है। अगर आप इसे आजमाने की सोच रहे हैं, तो पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। सेहत से जुड़ा कोई भी कदम उठाने से पहले पूरी जानकारी और सावधानी बहुत जरूरी है।
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