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BSE शेयरों में 67% की गिरावट! क्या निवेशकों के करोड़ों डूब गए या है कोई चालाकी?

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शुक्रवार, 23 मई 2025 को, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE Limited) के शेयरों में अचानक 66.6% की भारी गिरावट ने निवेशकों के बीच हलचल मचा दी। लेकिन क्या यह गिरावट वाकई चिंता का विषय है, या इसके पीछे कुछ और कहानी छिपी है? आइए, इस खबर को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि निवेशकों को घबराने की जरूरत क्यों नहीं है।

BSE के शेयरों में गिरावट का असली कारण

23 मई को BSE Limited के शेयरों में यह भारी गिरावट तब देखी गई, जब कंपनी का 2:1 बोनस इश्यू लागू हुआ। इस बोनस इश्यू के बाद शेयर एक्स-बोनस ट्रेडिंग में चले गए, जिसके चलते शेयर की कीमत National Stock Exchange (NSE) पर 2,335 रुपये तक पहुंच गई। लेकिन समायोजित आधार पर देखें तो BSE का शेयर दिन के उच्चतम स्तर 2,389 रुपये तक पहुंचा, जो 2.3% की बढ़त दर्शाता है। इसका मतलब है कि यह गिरावट तकनीकी समायोजन का हिस्सा थी, न कि कंपनी के मूल्य में कोई वास्तविक कमी।

बोनस इश्यू: निवेशकों के लिए सुनहरा मौका

BSE Limited ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 23 मई को रिकॉर्ड डेट तक जिन निवेशकों के पास उनके शेयर होंगे, उन्हें प्रत्येक एक शेयर पर दो बोनस शेयर मिलेंगे। यानी, अगर किसी निवेशक के पास 100 शेयर थे, तो अब उनके पास 300 शेयर होंगे। यह बोनस इश्यू निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर है, क्योंकि इससे उनकी हिस्सेदारी बढ़ती है बिना अतिरिक्त निवेश के। लेकिन इस प्रक्रिया में शेयर की कीमत को समायोजित किया जाता है, जिसके कारण कीमत में अचानक गिरावट दिखाई देती है।

T+1 सेटलमेंट: समय का खेल

भारतीय शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट साइकिल लागू है, जिसके तहत शेयर खरीदने के अगले दिन ही डिमैट खाते में शेयर जमा होते हैं। इसलिए, BSE के बोनस इश्यू का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को 22 मई तक शेयर खरीदना जरूरी था, ताकि 23 मई को उनके डिमैट खाते में शेयर दिखाई दें। जो निवेशक इस समय-सीमा का पालन करने में सफल रहे, वे इस बोनस इश्यू के फायदे में हैं।

निवेशकों के लिए क्या है सबक?

BSE Limited के शेयरों में यह गिरावट भले ही सुर्खियों में छाई हो, लेकिन यह एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। बोनस इश्यू जैसी घटनाएं निवेशकों के लिए दीर्घकालिक लाभकारी हो सकती हैं, बशर्ते वे बाजार की गतिशीलता को समझें। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी खबरों पर घबराने की बजाय कंपनी की नीतियों और बाजार के तकनीकी पहलुओं को समझें। BSE Limited की मजबूत स्थिति और इसके बोनस इश्यू से निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है।

BSE Limited के शेयरों में 66.6% की गिरावट ने भले ही पहली नजर में डरावना लगे, लेकिन यह एक तकनीकी समायोजन का नतीजा है, जो बोनस इश्यू के बाद हुआ। निवेशकों के लिए यह एक अवसर है, न कि नुकसान। अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो ऐसी घटनाओं को समझना और सही समय पर सही कदम उठाना जरूरी है। BSE Limited जैसे मजबूत संगठनों पर भरोसा बनाए रखें और सूझबूझ के साथ निवेश करें।

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