नोटबंदी को 9 साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके भूत अब भी पीछा नहीं छोड़ रहे। राजस्थान के सलूंबर में पुलिस ने एक ऐसी घटना को अंजाम दिया, जिसने सबको चौंका दिया। करीब 1.34 करोड़ रुपये के पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बरामद किए गए, जो 2016 में बंद हो चुके थे। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो इन नोटों को बदलने की फिराक में थे। यह घटना न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि नोटबंदी के बाद के काले धन और अवैध लेन-देन की कहानी को भी फिर से उजागर करती है।
सलूंबर में कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग पुराने नोटों को बदलने के लिए सलूंबर पहुंचे हैं। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक तलाशी अभियान चलाया। जांच के दौरान तीन संदिग्धों को पकड़ा गया, जिनके पास से भारी मात्रा में पुराने नोट बरामद हुए। ये नोट 500 और 1000 रुपये के थे, जो अब चलन में नहीं हैं। पूछताछ में पता चला कि ये लोग नोटों की वैल्यू का 12 प्रतिशत लेकर उन्हें बदलने की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों में दो महाराष्ट्र के और एक राजस्थान का निवासी है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि इस अवैध नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।
नोटबंदी के बाद की चुनौतियां
2016 में नोटबंदी की घोषणा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इसका मकसद काले धन पर लगाम लगाना और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना था। हालांकि, इसके बाद भी पुराने नोटों के अवैध लेन-देन की खबरें सामने आती रही हैं। सलूंबर की यह घटना दिखाती है कि नोटबंदी के बावजूद कुछ लोग पुराने नोटों को बदलने या बेचने की कोशिश में लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामले काले धन को सफेद करने की कोशिश का हिस्सा हो सकते हैं। यह घटना प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि निगरानी और सख्ती को और बढ़ाने की जरूरत है।
आम लोगों के लिए क्या सबक?
इस घटना से आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। पुराने नोटों को बदलने का लालच कई बार धोखाधड़ी का कारण बन सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बंद हो चुके नोट अब केवल ऐतिहासिक मूल्य रखते हैं और इन्हें बदलने का कोई वैध तरीका नहीं है। अगर कोई आपको ऐसे नोट बदलने का वादा करता है, तो यह अवैध और जोखिम भरा हो सकता है। इस तरह के मामलों में पुलिस या संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचित करना चाहिए। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और कानूनी रास्ता अपनाना ही सबसे सुरक्षित है।
You may also like
IPL 2025: गुजरात टाइटंस बनाम मुंबई इंडियंस, यहां देखिए हेड टू हेड रिकॉर्ड
तो चार भागों में बंट जाएगा पाकिस्तान... राजनाथ सिंह के बयान के मायने क्या हैं?
कम बिजली में AC चलाने के 3 आसान और कारगर टिप्स
IND vs ENG: इंग्लैंड दौरे से पहले इस दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे गौतम गंभीर और शुभमन गिल, तीखे सवालों का देंगे जवाब
पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों के लिए मेडिकल कालेज में अलग काउंटर का तोहफा