उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के हसनपुर तहसील में बसा तुगलकाबाद गांव आज गर्व से सिर उठाए खड़ा है। इस छोटे से गांव के किसान निरंजन सिंह के परिवार ने उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2025 में एक अनोखा इतिहास रच दिया। उनके चार बच्चों में से तीन—बेटे योगेंद्र सिंह और जुड़वां बेटियां आकांक्षा और अविनीता—ने एक साथ इस कठिन भर्ती प्रक्रिया में सफलता हासिल की। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। यह कहानी मेहनत, लगन और सपनों को सच करने की प्रेरणा देती है, जो ग्रामीण भारत के युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई है।
सादगी और मेहनत का प्रतीक: निरंजन सिंह का परिवारतुगलकाबाद गांव के निरंजन सिंह एक साधारण किसान हैं, जिन्होंने खेती-बाड़ी की सीमित आय से अपने चार बच्चों—दो बेटों और दो बेटियों—का पालन-पोषण किया। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बावजूद, उन्होंने अपने बच्चों को शिक्षा और मेहनत का महत्व सिखाया। निरंजन और उनकी पत्नी ने बच्चों को यह विश्वास दिलाया कि कड़ी मेहनत और सही दिशा में प्रयास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनके घर में सादगी और अनुशासन का माहौल रहा, जिसने योगेंद्र, आकांक्षा और अविनीता को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा दी। यह परिवार उन लाखों भारतीय परिवारों का प्रतीक है, जो सीमित संसाधनों में भी अपने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य देने का सपना देखते हैं।
एक साथ तीन भाई-बहनों की सफलताउत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2025 अपने कठिन चयन प्रक्रिया और तीव्र प्रतिस्पर्धा के लिए जानी जाती है। इस भर्ती में एक ही परिवार के तीन बच्चों का चयन होना एक असाधारण उपलब्धि है। योगेंद्र, आकांक्षा और अविनीता ने दिन-रात मेहनत कर इस कठिन परीक्षा को पास किया। उनकी सफलता ने तुगलकाबाद गांव में खुशी की लहर दौड़ा दी। परिवार में दीपावली जैसा उत्सव का माहौल है, और गांववासी भी इस उपलब्धि को अपने गर्व का हिस्सा मान रहे हैं। यह उपलब्धि ग्रामीण युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सम्मान समारोह: गांव का गर्व17 जून 2025 को तुगलकाबाद गांव में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें चौधरी कृपाल सिंह समिति, अमरोहा ने निरंजन सिंह और उनके तीनों बच्चों को सम्मानित किया। समिति की अध्यक्ष श्रीमती नीरज रानी और उनके पति सुदेश कुमार ने इस परिवार को फूल-मालाओं से सम्मानित किया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर भेंट की, जो सामाजिक न्याय और समानता का प्रतीक है। इस समारोह में गांव के कई गणमान्य लोग, जैसे निरंकार सिंह, विनीत कुमार, मुकेश कुमार, सविता, उमेश देवी, सोनिका देवी, कुसमीता और आलोक कुमार उपस्थित थे। यह पल गांव के लिए एकजुटता और उत्सव का अवसर बन गया, जहां सभी ने मिलकर इस परिवार की सफलता का जश्न मनाया।
चौधरी कृपाल सिंह समिति: सामाजिक उत्थान की मशालचौधरी कृपाल सिंह समिति, अमरोहा एक ऐसा सामाजिक संगठन है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और युवा प्रोत्साहन के लिए समर्पित है। श्रीमती नीरज रानी की अध्यक्षता में यह समिति ग्रामीण युवाओं को प्रेरित करने और सामाजिक उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है। सुदेश कुमार का योगदान भी समुदाय को एकजुट करने में अहम रहा है। इस समारोह के जरिए समिति ने न केवल निरंजन सिंह के परिवार की उपलब्धि को सम्मानित किया, बल्कि अन्य युवाओं को भी मेहनत और लगन से आगे बढ़ने का संदेश दिया।
You may also like
Sitaare Zameen Par: आमिर खान की जागी सोई किस्मत, पहले ही दिन 'सितारे जमीन पर' ने कर डाली करोड़ों में कमाई
Leeds Test: भारत-इंग्लैंड के बीच दूसरे दिन का मैच शुरू होने से पहले आई बुरी खबर, मौसम बिगाड़ सकता है खेल
वर्ल्ड म्यूजिक डे पर लिडियन नादस्वरम ने किया नए प्रोजेक्ट का ऐलान, 6 सितंबर को होगा जारी
यूपी : राजभवन की धरती पर योग, गोरखपुर में भी सांसद से संत तक एकत्रित हुई ऊर्जा
भारतीय शेयर बाजार ने सप्ताह का अंत मजबूती के साथ किया