अगस्त्य तारे को अर्घ्य देने का समय:-
अगस्त्य तारा उदय क्षण- 17 अप्रैल प्रात: 04:57 बजे।
अगस्त्य तारा अस्त क्षण- 18 अप्रैल शाम को 07:54 बजे।
अर्घ्य मन्त्रः-
इस मन्त्र को पढते हुये अगस्त्यमुनि के लिये अर्घ्य दें -
अगस्त्यः खनमानः खनित्रैः प्रजामपत्यं बलमिच्छमानः।
उभौ वर्णावृषिरुग्रः पुपोष सत्या देवेष्वाशिषो जगाम॥
अगस्त्य तारे को अर्घ्य देने का महत्व:- भविष्य पुराण के अनुसार 7 साल तक लगातर क्रम से अगस्त्य कारे को अर्घ्य देने से ज्ञानी और योद्धा पृथिवीपति बनने का अधिकारी बन जाता है। कारोबारी धान्य का अधिपति बन जाता है और सेवक एवं मेहनतकश जातक धनवान बन जाता है। जब तक आयु रहती है तब तक जो अर्घ्य देता है वह परब्रह्म को पाकर मोक्ष प्राप्त करता है।
You may also like
हर महीने पैसा आता है, पर जाता कहां है? अपनाएं पर्सनल फाइनेंस के ये स्टेप्स आज से ही, जानिए 5 आसान कदम जो बदल सकते हैं आपकी जिंदगी!
Microsoft Hikes Prices Globally for Xbox Consoles, Accessories, and First-Party Games
Business Ideas: मिल गया करोड़पति बनने का सबसे आसान तरीका, सिर्फ करना होगा ये काम, फिर अमीर बनने से कोई नहीं रोक सकता、 〥
CSK के खिलाफ विराट कोहली ने किया बड़ा कारनामा, ऐसा करने वाले बन गए दुनिया के पहले बल्लेबाज
सिंगापुर आम चुनाव में लॉरेंस वोंग को प्रचंड बहुमत, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई