अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.45 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.10 के दिन के ऊपरी और 84.47 के निचले स्तर तक गया। कारोबार के अंत में रुपया 84.30 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो अपने पिछले बंद स्तर से 27 पैसे की तेजी को दर्शाता है।
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शुक्रवार को रुपया उतार-चढ़ाव के बीच सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन अंत में यह तीन पैसे की गिरावट के साथ 84.57 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निरंतर निवेश से रुपए को समर्थन मिला है।
उन्होंने कहा, इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में इस साल अब तक 20 प्रतिशत से अधिक की तीव्र गिरावट ने भी इसे समर्थन दिया है, जिससे भारत के तेल आयात खर्च में कमी आई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा कि घरेलू शेयरों में लगातार विदेशी निवेश और जोखिम-संचालित परिसंपत्तियों के लिए नई मांग आने से रुपया मजबूत हुआ।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.64 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.26 प्रतिशत गिरकर 60.52 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अधिक आपूर्ति और कमजोर मांग की आशंका ने कच्चे तेल की कीमतों पर भारी दबाव डाला। घरेलू शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 294.85 अंक बढ़कर 80,796.84 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 114.45 अंक बढ़कर 24,461.15 पर बंद हुआ।
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शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एमआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 2,769.81 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 25 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.98 अरब डॉलर बढ़कर 688.13 अरब डॉलर हो गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour